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text पत्रकार रामचंद्र हत्याकांड में खट्टा सिंह की गवाही, 8 को होगा क्रॉस एग्जामिन

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में आज पंचकूला की सीबीआइ कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में अहम गवाह गुरमीत राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह की गवाही हुई। अगली सुनवाई अब 8 मई को होगी, जिसमें खट्टा सिंह की गवाही पर क्रॉस एग्जामिन होगा। राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कोर्ट में पेश हुआ। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने गत दिवस डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरे के प्रबंधक रहे रणजीत सिंह की हत्या केस में फिर से गवाही दर्ज कराने की अनुमति दे दी थी। शीर्ष अदालत ने डेरा प्रमुख की पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील खारिज की। हाई कोर्ट ने पूर्व ड्राइवर को फिर से गवाही देने की अनुमति दे दी थी। जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने कहा, 'जब आप जीवन की कठोर सच्चाई जानते हों तो आपको हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।' डेरा प्रमुख की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि खट्टा सिंह ने 2012 में पेशी के दौरान खुद ही कहा था कि सीबीआइ ने राम रहीम के खिलाफ पेश होने के लिए उन पर दबाव डाला था। तब खट्टा सिंह ने केस में डेरा प्रमुख की संलिप्तता की जानकारी होने से इन्कार किया था। लूथरा ने कहा, 'यदि फिर से गवाही दर्ज कराने की अनुमति दी जाती है तो हमारा पूरा बचाव खत्म हो जाएगा।' वरिष्ठ वकील ने कहा कि खट्टा सिंह विश्वसनीय गवाह नहीं है। पीठ ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करना नहीं चाहती है। साथ ही पीठ ने स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट के आदेश से निचली अदालत प्रभावित नहीं हो सकती। पत्रकार छत्रपति और रंजीत हत्याकांड में होगी खट्टा सिंह की गवाही यह भी पढ़ें 2012 में खट्टा सिंह अपने बयान से पलट गए थे। पिछले वर्ष 28 अगस्त को डेरा प्रमुख को दुष्कर्म मामले में 20 वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने के बाद उन्होंने सीबीआइ की विशेष अदालत से संपर्क किया था। उन्होंने दो हत्याओं के मामले में राम रहीम की भूमिका के बारे में अपनी गवाही नए सिरे से दर्ज कराने की अनुमति मांगी थी। पूर्व ड्राइवर ने दावा किया था कि डेरा प्रमुख और उसके गुंडों के भय से बयान बदला था। विशेष अदालत ने उनकी अर्जी नामंजूर कर दी जिसके बाद वह हाई कोर्ट पहुंचे थे। खट्टा सिंह ने 2007 में सीबीआइ से कहा था कि उनके पास राम रहीम और उसके आदमियों के बीच हुई मुलाकात के बारे में जानकारी है। इस मुलाकात के बाद 10 जुलाई 2002 को डेरा के अनुयायी रणजीत सिंह की हत्या कर दी गई। उन्होंने दावा किया था कि डेरा प्रमुख ने सिरसा से प्रकाशित होने वाले अखबार के संपादक रामचंद्र छत्रपति की हत्या करने का निर्देश दिया था। बाद में फरवरी 2012 में अदालत में वह अपने बयान से पलट गए। बहरहाल, आज सीबीआइ कोर्ट में खट्टा सिंह की गवाही हुई।

Video पत्रकार रामचंद्र हत्याकांड में खट्टा सिंह की गवाही, 8 को होगा क्रॉस एग्जामिन

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में आज पंचकूला की सीबीआइ कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में अहम गवाह गुरमीत राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह की गवाही हुई। अगली सुनवाई अब 8 मई को होगी, जिसमें खट्टा सिंह की गवाही पर क्रॉस एग्जामिन होगा। राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कोर्ट में पेश हुआ। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने गत दिवस डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरे के प्रबंधक रहे रणजीत सिंह की हत्या केस में फिर से गवाही दर्ज कराने की अनुमति दे दी थी। शीर्ष अदालत ने डेरा प्रमुख की पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील खारिज की। हाई कोर्ट ने पूर्व ड्राइवर को फिर से गवाही देने की अनुमति दे दी थी। जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने कहा, 'जब आप जीवन की कठोर सच्चाई जानते हों तो आपको हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।' डेरा प्रमुख की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि खट्टा सिंह ने 2012 में पेशी के दौरान खुद ही कहा था कि सीबीआइ ने राम रहीम के खिलाफ पेश होने के लिए उन पर दबाव डाला था। तब खट्टा सिंह ने केस में डेरा प्रमुख की संलिप्तता की जानकारी होने से इन्कार किया था। लूथरा ने कहा, 'यदि फिर से गवाही दर्ज कराने की अनुमति दी जाती है तो हमारा पूरा बचाव खत्म हो जाएगा।' वरिष्ठ वकील ने कहा कि खट्टा सिंह विश्वसनीय गवाह नहीं है। पीठ ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करना नहीं चाहती है। साथ ही पीठ ने स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट के आदेश से निचली अदालत प्रभावित नहीं हो सकती। पत्रकार छत्रपति और रंजीत हत्याकांड में होगी खट्टा सिंह की गवाही यह भी पढ़ें 2012 में खट्टा सिंह अपने बयान से पलट गए थे। पिछले वर्ष 28 अगस्त को डेरा प्रमुख को दुष्कर्म मामले में 20 वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने के बाद उन्होंने सीबीआइ की विशेष अदालत से संपर्क किया था। उन्होंने दो हत्याओं के मामले में राम रहीम की भूमिका के बारे में अपनी गवाही नए सिरे से दर्ज कराने की अनुमति मांगी थी। पूर्व ड्राइवर ने दावा किया था कि डेरा प्रमुख और उसके गुंडों के भय से बयान बदला था। विशेष अदालत ने उनकी अर्जी नामंजूर कर दी जिसके बाद वह हाई कोर्ट पहुंचे थे। खट्टा सिंह ने 2007 में सीबीआइ से कहा था कि उनके पास राम रहीम और उसके आदमियों के बीच हुई मुलाकात के बारे में जानकारी है। इस मुलाकात के बाद 10 जुलाई 2002 को डेरा के अनुयायी रणजीत सिंह की हत्या कर दी गई। उन्होंने दावा किया था कि डेरा प्रमुख ने सिरसा से प्रकाशित होने वाले अखबार के संपादक रामचंद्र छत्रपति की हत्या करने का निर्देश दिया था। बाद में फरवरी 2012 में अदालत में वह अपने बयान से पलट गए। बहरहाल, आज सीबीआइ कोर्ट में खट्टा सिंह की गवाही हुई।

पत्रकार रामचंद्र हत्याकांड में खट्टा सिंह की गवाही, 8 को होगा क्रॉस एग्जामिन

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में आज पंचकूला की सीबीआइ कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में अहम गवाह गुरमीत राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह की गवाही हुई। अगली सुनवाई अब 8 मई को होगी, जिसमें खट्टा सिंह की गवाही पर क्रॉस एग्जामिन होगा। राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कोर्ट में पेश हुआ। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने गत दिवस डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरे के प्रबंधक रहे रणजीत सिंह की हत्या केस में फिर से गवाही दर्ज कराने की अनुमति दे दी थी। शीर्ष अदालत ने डेरा प्रमुख की पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील खारिज की। हाई कोर्ट ने पूर्व ड्राइवर को फिर से गवाही देने की अनुमति दे दी थी। जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने कहा, 'जब आप जीवन की कठोर सच्चाई जानते हों तो आपको हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।' डेरा प्रमुख की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि खट्टा सिंह ने 2012 में पेशी के दौरान खुद ही कहा था कि सीबीआइ ने राम रहीम के खिलाफ पेश होने के लिए उन पर दबाव डाला था। तब खट्टा सिंह ने केस में डेरा प्रमुख की संलिप्तता की जानकारी होने से इन्कार किया था। लूथरा ने कहा, 'यदि फिर से गवाही दर्ज कराने की अनुमति दी जाती है तो हमारा पूरा बचाव खत्म हो जाएगा।' वरिष्ठ वकील ने कहा कि खट्टा सिंह विश्वसनीय गवाह नहीं है। पीठ ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करना नहीं चाहती है। साथ ही पीठ ने स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट के आदेश से निचली अदालत प्रभावित नहीं हो सकती। पत्रकार छत्रपति और रंजीत हत्याकांड में होगी खट्टा सिंह की गवाही यह भी पढ़ें 2012 में खट्टा सिंह अपने बयान से पलट गए थे। पिछले वर्ष 28 अगस्त को डेरा प्रमुख को दुष्कर्म मामले में 20 वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने के बाद उन्होंने सीबीआइ की विशेष अदालत से संपर्क किया था। उन्होंने दो हत्याओं के मामले में राम रहीम की भूमिका के बारे में अपनी गवाही नए सिरे से दर्ज कराने की अनुमति मांगी थी। पूर्व ड्राइवर ने दावा किया था कि डेरा प्रमुख और उसके गुंडों के भय से बयान बदला था। विशेष अदालत ने उनकी अर्जी नामंजूर कर दी जिसके बाद वह हाई कोर्ट पहुंचे थे। खट्टा सिंह ने 2007 में सीबीआइ से कहा था कि उनके पास राम रहीम और उसके आदमियों के बीच हुई मुलाकात के बारे में जानकारी है। इस मुलाकात के बाद 10 जुलाई 2002 को डेरा के अनुयायी रणजीत सिंह की हत्या कर दी गई। उन्होंने दावा किया था कि डेरा प्रमुख ने सिरसा से प्रकाशित होने वाले अखबार के संपादक रामचंद्र छत्रपति की हत्या करने का निर्देश दिया था। बाद में फरवरी 2012 में अदालत में वह अपने बयान से पलट गए। बहरहाल, आज सीबीआइ कोर्ट में खट्टा सिंह की गवाही हुई।

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